जो लोग थायराइड को ठीक करने के लिए प्राकृतिक उपचार की तलाश कर रहे हैं, उनके लिए होम्योपैथी सबसे अच्छा इलाज साबित होता है।
थायराइड पूरे शरीर के चयापचय को नियंत्रित करता है। थायरॉइड हार्मोन थायरॉयड ग्रंथि द्वारा जारी किया जाता है। यह आदम के सेब के ठीक नीचे स्थित एक छोटी तितली आकार की ग्रंथि है। थायराइड की समस्याएँ दो प्रकार की होती हैं हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म। रक्त की T3, T4 और TSH स्तरों का परीक्षण करके थायराइड की समस्या का आसानी से निदान किया जा सकता है।
हाइपरथायरायडिज्म का मतलब है कि थायरॉयड ग्रंथि अधिक थायराइड हार्मोन जारी कर रही है और हाइपर या अति सक्रिय हो गई है।
हाइपोथायरायडिज्म का मतलब है कि थायरॉयड ग्रंथि से हार्मोन की रिहाई कम है।
थायरॉयड ग्रंथि हमारे पूरे शरीर के कामकाज को प्रभावित करती है।
थायराइड पैकेज वयस्कों और बच्चों में थायरॉयड विकारों के प्रभावी ढंग से इलाज के लिए बनाया गया है। होम्योपैथी थायराइड के इलाज में सबसे अच्छा काम करता है। यह पैकेज कमी या अधिशेष के पूरक द्वारा नहीं बल्कि कुशल ग्रंथियों के कार्य के पुनर्सक्रियन द्वारा समस्या के उपचार के लिए बनाया गया है। इस उपाय के लिए एक पूर्ण व्यक्तिगत परीक्षा और केस-विश्लेषण के बाद चयन किया जाता है, जिसमें रोगी, शारीरिक और मानसिक संविधान और अन्य लक्षणों का चिकित्सा इतिहास शामिल होता है। पैकेज की अवधि रोगी से रोगी में भिन्न हो सकती है।
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Sunday, 27 January 2019
थायराइड के लिए होम्योपैथी उपचार
Thursday, 20 September 2018
Pain relief natural oil
रसोई से दवाई
जोड़ों के दर्द तथा अन्य दर्द से अचूक राहत दिलाने वाला तेल
जोड़ों में दर्द या सिरदर्द आधुनिक जीवन शैली का दुष्परिणाम है। दवाइयां लेते लेते भी कभी कभी ये दर्द असहनीय तकलीफ देता है। आइये आज आपको ऐसे रामबाण घरेलू उपचार बताते है जो तकलीफ को ख़त्म तो नहीं पर तुरंत आपके बेचैनी/दर्द को काफी हद तक ठीक कर देगा। सारी जरुरत की चीज़े आपको अपनी रसोई में मिल जाएगी।
आवश्यक सामग्री :-
- 50 ग्राम सरसों का तेल
- 50 ग्राम सफेद तिल का तेल
- 15 लौंग
- 1 टुकडा दालचीनी
- 2 टेबल स्पून अजवायन
- 1 टेबल स्पून मेथी दाना
- 15 लहसुन की कली बारिक कटी हुई
- 1 छोटा टुकडा अदरक पिसा हुआ
- 1 टी स्पून हल्दी
- 2 बडे पीस कपूर
- 1 टेबल स्पून एलोवेरा जैल
दर्द निवारक तेल बनाने की विधि (how to make pain relief oil )
कढाई मे दोनो तेल डाल कर तेज गैस पर गर्म करो फिर गैस को धीमी करके हल्दी और कपूर को छोड कर सारी चीजो को डाल दो । जब सारी चीजे जल जाए और उन का सत तेल मे ना आ जाऐ तब तक उनको गर्म करें । करीब 20-25 मिन्ट लगेंगे इन्हें जलने मे जब ये भून जाएगें तब तेल का रंग गहरा हो जाएगा फिर गैस बंद कर दे और उसमे हल्दी ,कपूर मिला दे कपूर तेल मैं पूरा घुल जाना चाहिए । तेल को ठंडा होने दे फिर तेल को छान कर एक शीशी मे भर कर रखो, कैसा भी बुरा दर्द हो इससे मालिश करने से गायब हो जाएगा
चिकन गुनिया, गठिया बाय, जॉइंट्स पैन मे ये तेल बहुत असरदार है जिन्हे तकलीफ हो बनाकर मालिश करके देखे।
चिकनगुनिया मे पैरो मे और जोइंट पेन ज्यादा होता है यह तेल 100% फायदेमंद है लगाते ही आराम आना शुरू हो जाएगा पहले दिन से . दिन मे 3 बार मालिश करें |
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Wednesday, 18 July 2018
Friday, 27 April 2018
सपने और होमियोपैथी : डॉ पुनीत आर शाह
सपने आज भी वैज्ञानिको एवं शोधकर्ताओं के लिए इक पहेली हैं। चाहे वो अच्छे सपने हों या बुरे इसका कारण आज भी रहस्यपूर्ण है। हम सपने क्योँ देखते हैं इस पर विशेषज्ञों के अलग अलग मत हैं कुछ कहते हैं कि हम सपने इसलिए देखते हैं ताकि हम दिन मे मिली सभी जानकारियों को याद रख सकें या भूल सकें। कुछ कहते हैं कि सपने देखना अच्छा है कुछ कहते हैं कि सपने देखना बुरा है। हमारा दिमाग दिन भर मे अनगिनत चीज़ो को देख, सुन, छू या महसूस करके प्रभावित होता है। सपनो मे हमारा दिमाग दिन भर की इन्ही चीज़ों की समीक्षा करता है और बेकार की चीज़ो को हटा देता है। यह हमारे दिमाग को जाग्रत रखने और अपनी इच्छाओ की पूर्ति करने मैं भी सहायक हैं।
एक इंसान रोज़ाना हर रात औसतन १-२ घंटे तक सपने देख सकता है। होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति ही विश्व मे एक मात्र ऐसी पद्धति है जिसमे सपनो को विशेष महत्त्व दिया जाता है व् सपनो के द्वारा जटिल से जटिल बिमारियों का भी इलाज किया जाता है। होमियोपैथी मैं सपने मरीज़ के वय्वहार को और अच्छी तरह समझने एवं उससे उसकी बिमारी के लक्षणों और सही दवा के चयन मैं सहायक होते हैं। होमियोपैथी मे यह माना जाता है कि बीमारी की उत्पत्ति इंसान के मन (दिमाग ) में होती हैं। बाद मैं हमे उसका बाहरी रूप शरीर के विभिन्न अंगो मे अलग अलग रूप मैं दिखाई देता है।
बीमारियों का मूल कारण मियाज्म (miasms) है। डॉ हैनीमैन ने समस्त रोगो मे तीन मियाज्म बताये थे। ये तीन मियाज्म हैं :
- सोरा (Psora)
- साइकोसिस (Sycosis)
- सिफलिस (Syphilis)
होमियोपैथी सपनो की जानकारी को बीमारियों के उपचार मे इस्तेमाल करता है। जिस तरह एक बीमार व्यक्ति परेशानी को लक्षणों के रूप मे व्यक्त करता है उसी प्रकार सपनो को भी लक्षणों का रूप माना माना जाता है। सपने एक व्यक्ति की सही मानसिक स्थिति का ज्ञान कराते हैं। सपनो के द्वारा बने लक्षणों से रोगी को समझा जाता है और उसके मियाज्म को समझते हुए सही दवाई का चुना जाता है। होमियोपैथ के द्वारा सपनो का विश्लेषण बहुत ही बारीकी से करना आवश्यक है क्योंकि इसी से रोगी के व्यवहार एवं व्यक्तित्व का पता चलता है। डर, गुस्सा, अहंकार, शोक, कल्पनाएँ, अपमान , रोष, सामाजिक भय, भ्रम, प्रतिकार, वासना एवं दबी हुई भावनाओ के बारे मैं भी सपनो से ही पता चलता है। यह उन रोगियों को भी समझने मैं भी मदद करता है जो अपनी मानसिक अवस्था को बहुत अच्छी तरह नहीं बता पाते। सपने इन सभी भावनाओ को अच्छी तरह से प्रकट कर देते हैं। सपने दिमाग की सचेतन व अवचेतन अवस्था को भी दर्शाते हैं।
बार-बार सपने आना भूतकाल मे हुई किसी मानसिक वेदना, आघात, परिस्थियों से संघर्ष, उससे न उबर पाना और परिस्थियों मे अपने आप को समायोजित न कर पाना भी दर्शाता है। बचपन की दमित यादें एवं दबी हुई कुंठित भावनाओ का रूप भी सपनो मैं दिखता है। सपनो की अवस्था मे इंसान स्वयं एक ऐसी दुनिया मे जीता है जो दूसरों से छिपी हुई होती है। यह व्यक्ति के बारे में उन पहलुओं पर प्रकाश डालती है जिनके बारे मे महज़ बातचीत से पता नहीं चलता। सपने अपने आप मे रोगी की एक भाषा हैं। सपने रोगी के लिए निदानकारी हैं। यह सटीक दवा के चुनाव में मदद करते हैं।
जानिए होमियोपैथी में विभिन्न प्रकार के सपनों से जुडी कुछ महत्वपूर्ण दवाइयाँ :-
- दुर्घटना का सपना :- आर्सेनिक एल्बम, ग्रैफाइटिस, नक्स वोमिका
- गुस्से का सपना :- नक्स वोमिका,अर्निका, ब्रयोनिया, फॉस्फोरस
- जानवरों का सपना :- अर्निका, अमोनियम म्यूर, मर्क सोल, पल्सेटिला
- काटने वाले जानवरों का सपना :- फॉस्फोरस, डेफ्निया
- काले रंग के जानवर का सपना :- पल्सेटिला
- बिल्ली का सपना :- डेफनिया, लैक कैन,पल्सेटिला
- कुत्तों का सपना :- अर्निका, सैलेसिआ, सल्फर
- घोड़ों का सपना :- एलुमिना, क्रोटेलस सी, मर्क सोल, टैरेंटुला, जिंकम
- जागते हुए सपने देखना :- नक्स वोमिका, इगनेशिआ , ओपियम
- लड़ाईयों के सपने देखना :- एलियम, सीपा, प्लेटिना
- चोरों - ठगों के सपने :- एलुमिना, मैग्नीशियम कार्ब, नैट्रम म्यूर
- व्यपार के सपने या दिन भर के काम के सपने :- नक्स वोमिका, रक्स टॉक्स, ब्रायोनिआ, पल्सेटिला
- लाशों के सपने :- एनाकार्डियम, चेलिडोनियम, थूजा
- मरने के सपने (स्वयं के) ;- लैकेसिस, सल्फर
- मुसीबतों के सपने:- अमोनियम म्यूर, आर्सेनिक
- निराशाजनक सपने :- कैनाबिस सटाइवा, इग्निसिअा, रुमेक्स
- बीमारी के सपने :- कैल्केरिआ कार्ब, नक्स वोमिका,
- डूबने का सपना :- बोविस्टा, काली कार्ब, निकोलम, वेरेट्रम एल्बम
- गिरने का सपना :- बेलाडोना, थूजा
- लड़ाई झगड़े का सपना :- एलियम,सीपा, फेरम,नैट्रम म्यूर, नक्स वोमिका
- साँप का सपना :- लैक कैन, सीपीआ, आर्जेंटम नाइट्रिकम
- भूतों के सपने :- आर्जेंटम नाइट्रिकम, कैम्फर, कार्बो वेज, मेडोराइनम, सल्फर
- यात्रा के सपने :- काली नैट्रिकम, कैल्केरिआ फॉस, एपिस
- खून के सपने :- अर्निका, क्रियोसोट, पेट्रोलिम, लैकेसिस
- डरावने सपने :- पयोनिया,सल्फर
- पानी के सपने :-अमोनियम म्यूर, बेलाडोना, माईफाइटिस
- आग का सपना :- ऐनाकार्डियम, हीपर सल्फ, मैग्नीसियम
आप अपनी बीमारियों और उनसे जुडी समस्याओं के पूर्ण उपचार के लिए होमियोपैथी अपनायें। भारत के चुनिंदा होमिओपैथस से सीधे परामर्श के लिए लोग इन करें https://homeovedic.com पर।
डॉ पुनीत आर शाह
(होमियोपैथिक चिकित्सक)
होमियोवेदिक.कॉम
डॉ पुनीत आर शाह के बारे मे अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
Tuesday, 23 January 2018
HOMEOPATHIC TREATMENT FOR CHIKUNGUNYA : SOME INSIGHTS
HOMEOPATHIC TREATMENT FOR CHIKUNGUNYA : SOME INSIGHTS
Homeopathy has best medicines for the prevention and treatment of chikungunya fever. Chikungunya is a communicable viral infection spread by the bite of vector Aedes Aegypti mosquito. It causes fever, severe joint pain and rashes on the body. Out of all the symptoms, the joint pain is the most distinguished feature of chikungunya. The no cure disease chikungunya fever can be managed and treated effectively by homeopathy. You can find specialist homeopaths on Homeovedic to cure and prevent chikungunya fever on doctors section. Book appointment with any of the expert doctor of homeovedic and get the medicines delivered at your door step.
Symptoms of Chikungunya fever
Here is list of few symptoms you can experience during chikungunya fever
- Pain in joints which is worse from motion, during night
- Pain in extremities: worse from motion, during night
- Fever: morning, evening, before mid night, night with chill; fever with chill; no perspiration
- Headache: forehead, temple; bursting, throbbing; worse from motion, during night
- Coated tongue: white, yellow; dryness of tongue
- Dryness of mouth with: thirst; thirstlessness. Bitter taste in mouth
- Diminished appetite. Nausea
- Thirst: during chill, heat; for large quantity; at long interval; often and extreme
- Complaint worse during motion; feels better while perspiring
- Pain sore, bruised
Prevention of Chikungunya fever:
Chikungunya fever can be prevented easily by implementing some of the following measures.
- Prevention from mosquito bites is the key. Eliminating mosquito breeding sites is another key prevention measure.
- Prevention is similar to those for other viral diseases transmitted by mosquitoes, such as dengue.
- Use insect repellent containing DEET, Picaridin, oil of lemon eucalyptus on exposed skin. Always follow the directions on the package.
- Wear long sleeves and pants (ideally treat clothes with permethrin or another repellent).
- Have secure screens on windows and doors to keep mosquitoes out.
- Additionally, a person with chikungunya fever should limit his exposure to mosquito bites to avoid further spreading the infection. The person should use repellents when outdoors exposed to mosquito bites or stay indoors in areas with screens or under a mosquito net.
Homeopathy for treatment and prevention of chikungunya fever
Homeopathic medicines for chikungunya fever treatment are much more effective than allopathic medicines. That is because homeopathy never relies on individual antagonistic agents against a particular virus or bacteria. Homeopathy has always worked on the philosophy that the human body is perfectly endowed with all means to fight any and every infection provided the immune system of the body is working properly. Therefore homeopathic medicines just strengthen the immune system of the patient. A strong immune system is thus able to subdue the infectious virus on its own. Post chikungunya arthritis and other health problems can be treated effectively by natural homeopathic remedies.
Top Homeopathy remedies for chikungunya fever
Homeopathy medicine is beneficial in curing of chikungunya fever. After consultation with the physicians, one can take Homeopathy medicines as per the symptoms.
- Eupatorium perfolatum: This homeopathic medicine is effective for all the symptoms of chikungunya fever.
- Rhus toxicodendron: Fever, joint pain and restlessness
- China officinalis: Fever and headache
- Pyroginum: Fever with sweating
- Arnica Montana: severity of pain
- Arsenic album: Septic fever
- Gelsemium, Sulphur, Bryonia and Aconite nepllus are good for fever.
It is advised not to take any homeopathic medicines randomly. Book appointment with our experts at homeovedic and get advice and consultation on treatment and prevention of chikungunya fever.
Home remedies for the treatment of chikungunya
- Boil water (1 litre), Tulsi leaves (10) and coriander powder (10 gram) for 10 minutes and let it cool. Consume it after the interval of three-three hours for the whole day to ease the symptoms of chikungunya.
- For chikungunya patients, practicing of Pranayama and doing some light loosening yogic exercises is helpful.
- Practice Sitali and Sheetkari Pranayama to minimize the severity of fever.
- To ease joint pain, one should practice loosening yogic exercises like to and fro of toes, up and down of wrists to by straightening your legs and hands respectively.
- Practice of Chandrabehdi Pranayama is good to reduce fever.
- Nadishodhan Pranayama is also helpful.
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थायराइड के लिए होम्योपैथी उपचार
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